जैसा कि हम जानते हैं कि कुंभ मेला जल्द ही शुरू होने वाला है और महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों लोग देश-विदेश से शामिल होते हैं. यह मेला हर 12 साल में चार जगहों पर आयोजित होता है प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक. इस बार महाकुंभ मेला प्रयागराज में लगने जा रहा है जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से होने वाली है !
प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। यह शहर अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप प्रयागराज जाने का विचार कर रहे हैं, तो यहां प्रयागराज (इलाहाबाद) यूपी में 10 घूमने लायक बेहतरीन स्थान जो आपको जरूर देखनी चाहिए।
प्रयागराज त्रिवेणी संगम:

प्रयागराज का त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुन और अदृश्य सरस्वती नदियाँ मिलती हैं, सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह स्थल भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है और यहाँ लाखों श्रद्धालु हर साल आकर स्नान करते हैं। खासकर, कुम्भ मेला के दौरान यहाँ लाखों लोग जुटते हैं।
कुम्भ मेला क्षेत्र:

महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फ़रवरी के बीच उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा. इससे पहले साल 2019 में अर्धकुंभ और साल 2013 में पूर्णकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया गया था !
आनंद भवन:

आनंद भवन इलाहाबाद में स्थित एक ऐतिहासिक गृह संग्रहालय है, जो नेहरू परिवार से संबंधित है। इसका निर्माण मोतीलाल नेहरू ने 1930 के दशक में नेहरू परिवार के निवास के रूप में किया था, जब मूल हवेली स्वराज भवन को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थानीय मुख्यालय में बदल दिया गया था।
प्रयागराज कुम्भ मेला के लिए प्रसिद्ध है, जो हर 12 साल में आयोजित होता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला होता है और यहाँ हर संप्रदाय के लोग आते हैं। कुम्भ मेला के दौरान संगम में स्नान करना और धर्मसभा में भाग लेना एक अद्भुत अनुभव होता है।
इलाहाबाद किला:

इलाहाबाद किला, जो कि अकबर द्वारा निर्मित किया गया था, एक ऐतिहासिक किला है। यह किला संगम के किनारे स्थित है और इसके भीतर कई प्राचीन मंदिर और मूर्तियाँ हैं। किले के परिसर में राजा अकबर के समय के दस्तावेज और हथियार भी रखे गए हैं।
हनुमान मंदिर:

प्रयागराज के प्रमुख हनुमान मंदिरों में से एक है ‘हनुमान जी का मन्दिर’, जो कि किलेदार हनुमान मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहां पर भक्तजन भगवान हनुमान के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
स्वर्ग आश्रम:

यह आश्रम गंगा नदी के किनारे स्थित है और यहाँ के शांतिपूर्ण वातावरण में ध्यान और साधना की जा सकती है। यह स्थान साधकों और योग प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल है।
सरस्वती कूप:

सरस्वती कूप एक ऐतिहासिक जलाशय है जो भारतीय पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि यह कूप सरस्वती नदी के जल से जुड़ा है और यह स्थान धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
न्यू यमुनाब्रिज़ और पुराने यमुनाब्रिज़:

प्रयागराज में यमुनाब्रिज़ भी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। पुराने यमुनाब्रिज़ का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है, जबकि न्यू यमुनाब्रिज़ एक आधुनिक संरचना है। यहाँ पर आप यमुना नदी के खूबसूरत दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
प्रयागराज संग्रहालय:

यह संग्रहालय प्रयागराज के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को प्रदर्शित करता है। यहां प्राचीन मूर्तियाँ, सिक्के, चित्रकला और अन्य प्राचीन वस्तुएं रखी जाती हैं। यह संग्रहालय इतिहास प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल है।
आलमगीर मस्जिद:

आलमगीर मस्जिद का निर्माण अकबर के शासनकाल में हुआ था। यह मस्जिद अपने स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से शहर का दृश्य बहुत सुंदर दिखाई देता है। इस मस्जिद की वास्तुकला में मुघल शैली का प्रभाव दिखाई देता है।
निष्कर्ष:
प्रयागराज एक ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है, जिसमें घूमने के लिए बहुत सी अद्भुत जगहें हैं। यहाँ की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। अगर आप भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों में रुचि रखते हैं, तो प्रयागराज का दौरा अवश्य करें।